श्री हर्ष मल्होत्रा जी : सेवा, समर्पण, और संकल्प की अनुपम यात्रा
दिल्ली की धरती से एक कहानी उभरती है, एक ऐसी कहानी जिसमें समर्पण, सेवा और सफलता के रंग भरे गए हैं। यह कहानी है श्री हर्ष मल्होत्राजी की, जिनका जन्म १९६४ में उस परिवार में हुआ जो कभी अमृतसर से दिल्ली आया था और यहीं की मिट्टी में रच-बस गया। एक पिता जो स्कूल के प्रधानाचार्य थे और एक माँ, जो शिक्षिका थीं, ने हर्षजी को सेवा और शिक्षा की महत्वपूर्णता सिखाई।
शिक्षा के पथ पर पहले कदम
शिक्षा की ओर हर्षजी का पहला कदम हंसराज कॉलेज में बी.एससी. बॉटनी (ऑनर्स) से हुआ, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएल.बी. की पढ़ाई पूरी की। यहीं से उनकी रुचि सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़ी और यही रुचि उन्हें राजनीति के मैदान में ले आई।
श्री हर्ष मल्होत्रा जी का राजनीति में प्रथम चरण
उनकी यह रुचि और समर्पण उन्हें राजनीतिक क्षेत्र में ले आया, जहाँ उन्होंने अपनी विचारधारा और कार्यों के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन की आशा जगाई। उनकी सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों में रुचि ने उन्हें समुदाय के साथ गहराई से जोड़ा और उन्हें समाज की वास्तविक आवश्यकताओं की समझ प्रदान की।
इस गहन समझ और समर्पण ने उन्हें समाज के विभिन्न आयामों में अपना योगदान देने की प्रेरणा दी। उनके कार्यों ने न केवल उन्हें समाज के बीच एक विश्वसनीय नाम बनाया बल्कि उन्हें उस पथ पर भी अग्रसर किया, जहाँ उनका मानना है कि वास्तविक परिवर्तन संभव है।
उनकी यात्रा, जो एक सामान्य परिवार से शुरू होकर राजनीति के उच्चतम सोपानों तक पहुँची, सिर्फ उनकी व्यक्तिगत सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह उनके उस दृढ़ विश्वास को भी प्रकट करती है कि सेवा और समर्पण के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।
उनका जीवन उस मिसाल को प्रस्तुत करता है, जिसे देखकर आज की पीढ़ी प्रेरित हो सकती है और समझ सकती है कि कैसे व्यक्तिगत प्रयासों से समाज के हर कोने में उजाला फैलाया जा सकता है।
श्री हर्ष मल्होत्राजी की यह कहानी हमें यह भी दिखाती है कि सच्चे नेतृत्व का अर्थ केवल पद या सत्ता प्राप्त करना नहीं है, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए कुछ सार्थक करना है। उनके कार्य, चाहे वह सामाजिक हो या धार्मिक, ने उन्हें उन लोगों के दिलों में एक खास जगह दिलाई है, जिनके जीवन में उन्होंने सकारात्मक परिवर्तन लाया है।
इस प्रकार, श्री हर्ष मल्होत्राजी की यात्रा न सिर्फ एक व्यक्ति के रूप में उनके विकास की कहानी है, बल्कि यह उस सिद्धांत की भी गाथा है, जिसे वे अपने जीवन में उतार कर चलते हैं: “सेवा ही संगठन है, और संगठन ही सेवा है।”
श्री हर्ष मल्होत्रा जी का राजनीतिक यात्रा का आरंभ और मेयर का पद
२०१२ में, हर्षजी ने वेलकम वार्ड से निगम पार्षद के रूप में अपनी पहली बड़ी जीत दर्ज की। यह जीत उनके लिए केवल एक पद नहीं बल्कि समाज सेवा के अपार अवसरों का द्वार थी।२०१५-१६ में उन्होंने मेयर के रूप में अपनी कार्यकुशलता और समर्पण को साबित किया।
सुपोषण कार्यक्रम और शिक्षा की नई दिशा
उनके नेतृत्व में सुपोषण कार्यक्रम ने ६०,००० गरीब और एनिमिक छात्रों की जिंदगियों में उम्मीद की नई किरण भरी। इस पहल ने न केवल उन बच्चों के हीमोग्लोबिन स्तर को २ग्राम तक बढ़ाने के लिए सार्थक प्रयास किए बल्कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति में भी सुधार किया। साथ ही, ढाई लाख निम्न आय वर्ग के बच्चों के लिए कंप्यूटर शिक्षा की पहल ने उनके भविष्य को नई दिशा प्रदान की। यह कदम न केवल उन्हें आधुनिक शिक्षा से जोड़ता है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक मजबूत कदम है।
श्री हर्ष मल्होत्रा जी की भाजपा में विभिन्न भूमिकाएँ
हर्षजी का राजनीतिक सफर सिर्फ मेयर के पद तक सीमित नहीं रहा। भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक ढाँचे में उन्होंने विभिन्न दायित्व संभाले, जिसमें युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष, संगठन महामंत्री, जिला अध्यक्ष और दिल्ली बीजेपी ट्रेनिंग सेल के प्रमुख की भूमिकाएँ शामिल हैं। वर्तमान में, वे दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री के रूप में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।
इन भूमिकाओं ने उन्हें राजनीति में एक विशेष पहचान और सम्मान दिलाया है।
हर्षजी की यह यात्रा, उनकी सेवा, उनकी समर्पण भावना और उनके द्वारा किए गए प्रयास न केवल उन्हें एक आदर्श नेता बनाते हैं बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी हैं।
श्री हर्ष मल्होत्रा जी: व्यक्तिगत जीवन की समृद्धि
हर्षजी के जीवन की कहानी में राजनीतिक उपलब्धियाँ ही एकमात्र अध्याय नहीं हैं। उनका व्यक्तिगत जीवन, जो उनकी समृद्धि का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू है, उनकी अनेक उपलब्धियों के समान ही बहुमूल्य है।
दिल्ली के शाहदरा में, उनके दो छोटे भाईयों के साथ उनका परिवार एक मजबूत स्तंभ के रूप में उभरता है।
उनकी बड़ी बेटी, जो एक सफल डॉक्टर हैं, और उनकी छोटी बेटी, जो विवाह के पश्चात् मुंबई में एडवरटाइजिंग के क्षेत्र में अपना करियर बना रही हैं, उनके जीवन की उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हैं।
उनकी पत्नी, जो सामाजिक दायित्वों में उनका पूरा साथ देती हैं, उनकी सफलता में अपार योगदान रखती हैं। उनकी पत्नी का मिलनसार और हँसमुख व्यक्तित्व न केवल उनके परिवार को बल्कि उनके समाज सेवा के प्रयासों को भी प्रेरणा देता है।
हर्षजी के लिए उनका परिवार उनकी सामाजिक और व्यावसायिक प्रतिबद्धताओं की मजबूत नींव है।
वह अपने परिवार को अपनी सफलता का श्रेय देते हैं, और यह मानते हैं कि उनके सहयोग के बिना, वह अपने जीवन में इतनी ऊँचाइयों को नहीं छू पाते।
उनकी कहानी यह सिखाती है कि सफलता केवल बाहरी उपलब्धियों में ही नहीं निहित है, बल्कि एक समर्थ और समर्पित परिवार के साथ मिलकर बनाई गई व्यक्तिगत खुशियों में भी है।
हर्षजी और उनका परिवार इस बात का जीवंत उदाहरण हैं कि संघर्ष में साथ खड़ा होना और एक दूसरे का सहारा बनना, सफलता की सबसे मजबूत कुंजी है।
श्री हर्ष मल्होत्रा जी : व्यावसायिक पथ पर एक यात्रा
हर्षजी की जीवन यात्रा में राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों के साथ-साथ व्यावसायिक क्षेत्र भी एक महत्वपूर्ण आयाम रखता है। उनकी प्रिंटिंग व्यवसाय, जो उन्होंने अपने छोटे भाई के साथ मिलकर शाहदरा में स्थापित किया है, न केवल उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है बल्कि उनके कठिन परिश्रम और समर्पण को भी दर्शाता है। यह व्यवसाय उनकी दृढ़ता और विश्वास का प्रतीक है, जिससे वे समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की अपनी क्षमता को और भी मजबूत करते हैं।
प्रिंटिंग जगत में एक पहचान
हर्षजी ने प्रिंटिंग उद्योग में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने ‘ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ मास्टर प्रिंटर्स‘ के संयुक्त सचिव के पद पर रहते हुए इस क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता और नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया। दिल्ली प्रिंटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में भी उनका कार्यकाल उल्लेखनीय रहा है।
इन पदों पर रहते हुए उन्होंने प्रिंटिंग उद्योग के विकास और उसकी समृद्धि के लिए अनेक महत्वपूर्ण पहल की हैं।
हर्षजी का यह मानना है कि एक व्यवसाय सिर्फ आर्थिक लाभ के लिए नहीं होना चाहिए, बल्कि उसे समाज के प्रति भी कुछ योगदान देना चाहिए। इसी विचारधारा के साथ, वे अपने व्यवसायिक प्रयासों को भी समाज सेवा के एक माध्यम के रूप में देखते हैं।
इस प्रकार, हर्षजी की जीवन यात्रा उनके राजनीतिक, सामाजिक और व्यावसायिक प्रयासों का एक अद्वितीय संगम है।
उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि किसी भी क्षेत्र में दृढ़ संकल्प और सच्ची निष्ठा से किए गए प्रयास सफलता की नई ऊँचाइयों तक पहुँच सकते हैं।
हर्षजी की यह यात्रा प्रेरणा का एक अटूट स्रोत है, जो हमें अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा देती है।
श्री हर्ष मल्होत्रा जी: सेवा का संकल्प और दधीचि देहदान समिति
दिल्ली की गलियों में, जहां राजनीति की चहल–पहल हमेशा गूंजती रहती है, वहाँ एक व्यक्ति है जो मानता है कि राजनीति सिर्फ सत्ता की भूख नहीं बल्कि सेवा का एक माध्यम है। श्री हर्ष मल्होत्रा, जिन्होंने अपने जीवन को समाज की सेवा में समर्पित कर दिया है, विशेष रूप से उन कार्यों के लिए जो व्यक्तिगत लाभ से परे हैं।
उनकी इसी सोच ने उन्हें दधीचि देहदान समिति से जोड़ा, एक संस्था जो देहदान और अंगदान के महत्व को समाज में फैलाने का कार्य करती है।
श्री मल्होत्रा २०१७ से इस समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं, इससे पहले वे इसी संस्था के महामंत्री भी रह चुके हैं।
उनका मानना है कि जीवन के अंतिम पड़ाव पर भी एक व्यक्ति समाज की सेवा कर सकता है, और देहदान इसका एक श्रेष्ठ उदाहरण है।
उनके नेतृत्व में, समिति ने देहदान और अंगदान के महत्व को लेकर कई जागरूकता अभियान चलाए हैं, और समय-समय पर इच्छुक व्यक्तियों के दान की व्यवस्था सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कराई है।
उनका यह प्रयास न केवल समाज में एक नई चेतना जगा रहा है बल्कि उन लोगों के लिए एक नई उम्मीद भी बन रहा है जिन्हें जीवनदान की आवश्यकता है।
हर्षजी का कार्य यह दर्शाता है कि राजनीति और सत्ता का उपयोग यदि सही दिशा में किया जाए तो समाज में अद्भुत परिवर्तन संभव है।
उनके इस कार्य ने उन्हें समाज में एक विशेष स्थान दिलाया है, जहां वे न केवल एक राजनेता के रूप में बल्कि एक समाज सेवक के रूप में भी जाने जाते हैं।
श्री हर्ष मल्होत्रा जी का विकसित भारत की दिशा में अटूट संकल्प
दिल्ली की विशाल और विविधतापूर्ण भूमि पर, जहाँ इतिहास और आधुनिकता का संगम होता है, वहाँ एक व्यक्ति है जिसकी जीवन यात्रा ने उसे समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए एक प्रेरणास्रोत बना दिया है। श्री हर्ष मल्होत्रा, जिनके 28 वर्षों के लगातार सेवा और राजनीतिक यात्रा ने उन्हें एक विशिष्ट पहचान प्रदान की है|
श्री हर्ष मल्होत्रा जी , प्रधानमंत्री मोदी के ‘विकसित भारत‘ के सपने को साकार करने के लिए उनके अटूट संकल्प को दर्शाते हैं।
आपका वोट, विकसित भारत की ओर
इस अद्भुत यात्रा में, हर्षजी ने न केवल राजनीतिक और सामाजिक अखाड़े में अपने कदम मजबूती से जमाए हैं, बल्कि उन्होंने व्यावसायिक मोर्चे पर भी अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। उनकी यह सफलता और समर्पण हम सभी के लिए एक मिसाल है कि कैसे एक व्यक्ति का समर्पण, नेतृत्व, और दृढ़ संकल्प न केवल उसके लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक समृद्ध और विकसित भविष्य का निर्माण कर सकता है।
संकल्प से सिद्धि की ओर
जब आप अपना मतदान करें, तो इस बात को याद रखें कि आपका एक वोट श्री हर्ष मल्होत्रा जैसे नेता को वह मौका दे सकता है, जिसकी उन्हें आवश्यकता है ताकि वे न केवल आपके क्षेत्र की, बल्कि पूरे देश की तस्वीर बदल सकें।
“आपका वोट, विकसित भारत की ओर एक कदम” – यह न केवल एक नारा है, बल्कि हमारी साझा यात्रा और हमारी साझा जिम्मेदारी का संकेत है।
आइए, हम सभी मिलकर श्री हर्ष मल्होत्रा के साथ इस यात्रा को सफल बनाएं और एक समृद्ध और विकसित भारत का निर्माण करें।
उनकी इस अद्भुत यात्रा को आगे बढ़ाने में आपका समर्थन अमूल्य है।
श्री हर्ष मल्होत्रा जी : समर्पण की गाथा
श्री हर्ष मल्होत्रा की कहानी, जो न केवल उनकी व्यक्तिगत यात्रा है बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के ‘विकसित भारत‘ के सपने के साथ उनके अटूट संकल्प की भी गाथा है,
हमें दिखाती है कि कैसे एक व्यक्ति के समर्पण से समाज और राष्ट्र का निर्माण होता है।
आइए, हम अपने मतदान के महत्व को पहचानें और श्री हर्ष मल्होत्रा जैसे नेताओं को उनकी यात्रा में समर्थन प्रदान करें।
“आपका वोट, विकसित भारत की ओर एक कदम” – यह सिर्फ एक कदम नहीं, बल्कि हमारे सपनों के भारत की ओर एक लंबी छलांग है।
आइए, हम अपने मतदान के महत्व को पहचानें और श्री हर्ष मल्होत्रा जैसे नेताओं को उनकी यात्रा में समर्थन प्रदान करें।
“आपका वोट, विकसित भारत की ओर एक कदम” – यह सिर्फ एक कदम नहीं, बल्कि हमारे सपनों के भारत की ओर एक लंबी छलांग है।