डिजिटल भारत: एक नवीन युग का आरंभ-हर्ष मल्होत्रा
जब हम डिजिटल भारत की बात करते हैं, तो अक्सर लोग इसे सिर्फ एक सरकारी योजना के रूप में देखते हैं। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, “डिजिटल भारत सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि देश के विकास की एक बड़ी दृष्टि है।” यह विजन उस तकनीक को आम जन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखता है, जो लोगों के लिए काम करे और उनसे जुड़े।
2015 में शुरू किया गया, डिजिटल भारत मिशन भारत को एक डिजिटली सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए एक समग्र पहल है। इस मिशन के तहत, 300,000 से अधिक ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से जोड़ा गया है, और 5.7 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर्स स्थापित किए गए हैं।
डिजिटल भारत का विजन
प्रधानमंत्री मोदी का विजन स्पष्ट है – एक ऐसा भारत जो डिजिटल दुनिया में अग्रणी बने। डिजिटल डिवाइड को पाटना और तकनीक के माध्यम से समावेशी विकास को बढ़ावा देना, इस मिशन के मूल में है। इसके तीन मुख्य स्तंभ हैं:
- डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर: हर नागरिक के लिए उच्च गति इंटरनेट की पहुंच, एक अद्वितीय डिजिटल पहचान, और सुरक्षित साइबर-स्पेस।
- गवर्नेंस और सेवाएं ऑन डिमांड: ऑनलाइन और मोबाइल प्लेटफॉर्म से रियल-टाइम में सेवाओं की उपलब्धता, सभी नागरिकों के लिए उनके अधिकारों का पोर्टेबिलिटी और बादल पर उपलब्धता।
- नागरिकों का डिजिटल सशक्तिकरण: डिजिटल साक्षरता, डिजिटल संसाधनों की सुलभता, और भागीदारी शासन के लिए सहयोगी डिजिटल मंच।
डिजिटल भारत के प्रमुख पहलू
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम ने विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार और सुधार की एक नई लहर पैदा की है। भारतनेट, डिजिलॉकर, मायगोव, और यूपीआई जैसी पहलें न केवल सरकारी सेवाओं के डिजिटलीकरण में मदद कर रही हैं, बल्कि आम नागरिकों के जीवन को भी सरल बना रही हैं।
डिजिटल भारत: एक क्रांतिकारी पहल
डिजिटल भारत, भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य देश को एक सशक्त डिजिटल समाज में परिवर्तित करना है। इस पहल के माध्यम से, भारतीय जनता को डिजिटल तकनीक के सहारे एक नई दिशा और गति प्रदान की जा रही है।
डिजिटल भारत का उद्देश्य और महत्व
“डिजिटल भारत केवल एक सरकारी योजना नहीं, यह देश के विकास की एक बड़ी सोच है।” – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
इस योजना का मूल उद्देश्य तकनीकी साधनों को आम जन तक पहुँचाना और उन्हें डिजिटल दुनिया से जोड़ना है। यह पहल न केवल डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देती है, बल्कि डिजिटल उपकरणों और सेवाओं को सुलभ बनाकर समाज के हर वर्ग के जीवन को सरल बनाने का काम करती है।
डिजिटल इंडिया की मुख्य उपलब्धियाँ
- भारतनेट: 300,000 से अधिक ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से जोड़ा गया है।
- कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC): 5.7 लाख से अधिक CSCs की स्थापना की गई है, जो ग्रामीण इलाकों में डिजिटल सेवाओं को सुलभ बनाते हैं।
- डिजिटल साक्षरता: लाखों भारतीयों को डिजिटल तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे वे डिजिटल दुनिया का हिस्सा बन सकें।
हर्ष मल्होत्रा: डिजिटल भारत के योद्धा
हर्ष मल्होत्रा का परिचय: पूर्वी दिल्ली की गलियों से उभरकर डिजिटल युग के प्रणेता बनने तक, हर्ष मल्होत्रा की यात्रा अनेक चुनौतियों और उपलब्धियों से भरी पड़ी है। उनकी राजनीतिक दृष्टि ने न केवल पूर्वी दिल्ली का चेहरा बदला, बल्कि डिजिटल भारत की दिशा में भी एक नई राह दिखाई।
डिजिटल शिक्षा: एक नई दिशा: 2016 में, मल्होत्रा ने वंचित बच्चों के लिए कंप्यूटर शिक्षा कार्यक्रमों की शुरुआत की। इस पहल ने 2.5 लाख से अधिक बच्चों को डिजिटल दुनिया से परिचित कराया, उनके जीवन में एक नई क्रांति की शुरुआत की।
पूर्वी दिल्ली का डिजिटल परिवर्तन: महापौर के रूप में, मल्होत्रा ने डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्वच्छता, और शिक्षा में अनेक सुधार किए। उनके नेतृत्व में पूर्वी दिल्ली ने डिजिटल साक्षरता और सेवाओं के मामले में नई ऊचाइयां हासिल कीं।
डिजिटल इंडिया और हर्ष मल्होत्रा का संगम: मल्होत्रा के प्रयास डिजिटल इंडिया के तीन मुख्य स्तंभों – डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, गवर्नेंस और सेवाएं, और नागरिकों का सशक्तिकरण – के साथ पूरी तरह से संरेखित हैं। उनकी योजनाएं और कार्यक्रम डिजिटल समावेशन और सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
समापन: एक डिजिटल भविष्य की ओर
हर्ष मल्होत्रा के नेतृत्व में, पूर्वी दिल्ली और सम्पूर्ण भारत एक डिजिटल भविष्य की ओर अग्रसर है। उनके प्रयास न केवल डिजिटल भारत के सपने को साकार करने में मदद कर रहे हैं, बल्कि एक ऐसे समाज की रचना में भी योगदान दे रहे हैं जहाँ हर व्यक्ति डिजिटल रूप से सशक्त और जोड़ा गया हो। उनकी दृष्टि और कार्य, डिजिटल युग में भारत के नवनिर्माण की एक मिसाल हैं।